उस्ताद ज़ाकिर हुसैन (9 मार्च - 15 दिसंबर ) एक भारतीय तबला वादक, संगीतकार, तालवादक, संगीत निर्माता और फिल्म अभिनेता थे। उन्हें शास्त्रीय भारतीय संगीत को आगे बढ़ाने के लिए जाना जाता था |
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन (जन्म - 9 मार्च ) भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक थे । ज़ाकिर हुसैन तबला वादक उस्ताद अल्ला रक्खा के बेटे थे ।
ज़ाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन् में पद्मश्री तथा सन् में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। ये महाराष्ट्र से हैं। इन्हें 22 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।[1]
ज़ाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में ही बीता। 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ को बिखेरना शुरू कर दिया था। प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद ज़ाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया। में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था। उसके बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया भर में बिखेरेंगे। से लेकर तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे। ज़ाकिर हुसैन भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं साथ ही साथ विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं।
में जब उन्हें पद्म श्री का पुरस्कार मिला था तब वह महज 37 वर्ष के थे और इस उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी थे। इसी तरह में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था। ज़ाकिर हुसैन को और में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला है। 22 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।